Difference between CRPC and IPC in HINDI

CRPC और IPC दोनों भारतीय दंड संहिताओं (Indian Penal Code and Code of Criminal Procedure) से जुड़े हुए हैं, जो भारतीय न्यायिक प्रक्रिया और दंड संहिता संबंधी विधियों को संघ लेवल पर प्रबंधित करते हैं। दोनों के बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं, जो निम्नानुसार हैं:

भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code – IPC):
IPC एक संग्रहीत भारतीय कानून है जिसे 1860 में पारित किया गया था। यह एक दंड संहिता है जो भारत के अधिकांश आपराधिक मामलों के लिए दंडनीय अपराधों की परिभाषा, दंड और सजा को निर्धारित करती है। IPC में अनुसूचित अपराधों, जैसे हत्या, चोरी, दुष्कर्म, आपराधिक घुसपैठ, आतंकवाद आदि के लिए दंडनीय प्रावधान हैं। IPC में अपराधों की परिभाषा, प्रतिबंध और सजा का वर्णन दिया गया है।

भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure – CRPC):
CRPC एक विधि है जिसे भारतीय दंड प्रक्रिया के नाम से भी जाना जाता है। यह संहिता 1973 में पारित की गई थी और यह भारतीय न्यायिक प्रक्रिया से संबंधित कानूनी व्यवस्था, दंड संशोधन, अदालती प्रक्रिया, दंड न्यायपालिका का संगठन, अपराधियों के पुनर्विचार आदि के निर्धारण के लिए उपयोग होती है। CRPC अदालती प्रक्रिया की संचालन प्रक्रिया को प्रबंधित करती है और अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही करने के तरीके को व्यवस्थित करती है। CRPC में अपराधियों के लिए गिरफ्तारी, जमानत, अपराधियों के पुनर्विचार, तथ्यों की जांच, अदालती सुनवाई, अपील आदि की प्रक्रिया का विवरण दिया गया है।

संक्षेप में कहें तो, IPC दंडनीय अपराधों की परिभाषा, दंड और सजा को निर्धारित करती है, जबकि CRPC अपराधियों के पुनर्विचार, गिरफ्तारी, जमानत, अपील आदि की प्रक्रिया को व्यवस्थित करती है। दोनों के माध्यम से अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही की जाती है, जहां IPC अपराधों की परिभाषा और सजा को निर्धारित करती है, वहीं CRPC अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही की प्रक्रिया को व्यवस्थित करती है।