भारत में शेयर बाजार के दो प्रमुख सूचकांक (Indices) हैं: सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty)। ये दोनों स्टॉक मार्केट के प्रदर्शन को दर्शाते हैं और निवेशकों को यह समझने में मदद करते हैं कि बाजार ऊपर जा रहा है या नीचे।
1. सेंसेक्स (Sensex) क्या है?
सेंसेक्स (Sensitive Index) बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का बेंचमार्क इंडेक्स है। इसे 1986 में लॉन्च किया गया था और इसमें BSE की टॉप 30 कंपनियां शामिल होती हैं। ये 30 कंपनियां भारत की अलग-अलग प्रमुख इंडस्ट्रीज से आती हैं और इनका चयन उनके मार्केट कैपिटलाइजेशन और परफॉर्मेंस के आधार पर किया जाता है।
सेंसेक्स कैसे काम करता है?
- यदि सेंसेक्स बढ़ता है, तो इसका मतलब है कि BSE की टॉप 30 कंपनियों के शेयर की कीमतें बढ़ रही हैं।
- यदि सेंसेक्स गिरता है, तो इसका मतलब है कि इन कंपनियों के शेयर की कीमतें कम हो रही हैं।
उदाहरण:
मान लीजिए कि आज सेंसेक्स 50,000 पर है। यदि बड़ी कंपनियों के शेयरों की कीमतें बढ़ती हैं, तो सेंसेक्स 51,000 तक जा सकता है। यदि शेयरों की कीमतें गिरती हैं, तो सेंसेक्स 49,000 तक आ सकता है।
2. निफ्टी (Nifty) क्या है?
निफ्टी (Nifty) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का बेंचमार्क इंडेक्स है। इसे 1996 में लॉन्च किया गया था और इसमें NSE की टॉप 50 कंपनियां शामिल होती हैं।
निफ्टी कैसे काम करता है?
- यदि निफ्टी ऊपर जाता है, तो इसका मतलब है कि NSE की टॉप 50 कंपनियों के शेयर की कीमतें बढ़ रही हैं।
- यदि निफ्टी नीचे आता है, तो इसका मतलब है कि इन कंपनियों के शेयर की कीमतें गिर रही हैं।
उदाहरण:
मान लीजिए कि निफ्टी 18,000 पर है। यदि बड़ी कंपनियों के शेयर बढ़ते हैं, तो निफ्टी 18,500 तक जा सकता है। यदि शेयर गिरते हैं, तो निफ्टी 17,500 तक आ सकता है।
3. सेंसेक्स और निफ्टी कैसे तय होते हैं?
इन दोनों इंडेक्स का कैलकुलेशन फ्री-फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन मेथड से किया जाता है।
फ्री-फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन का फॉर्मूला:
इंडेक्स वैल्यू=वर्तमान मार्केट कैपबेस मार्केट कैप×बेस वैल्यू\text{इंडेक्स वैल्यू} = \frac{\text{वर्तमान मार्केट कैप}}{\text{बेस मार्केट कैप}} \times \text{बेस वैल्यू}
इसका मतलब है कि इन इंडेक्स की वैल्यू कंपनियों की शेयर प्राइस और उनकी उपलब्ध मार्केट कैपिटलाइजेशन पर निर्भर करती है।
4. सेंसेक्स और निफ्टी में कौन-कौन सी कंपनियां होती हैं?
ये कंपनियां समय-समय पर बदलती रहती हैं, लेकिन कुछ प्रमुख कंपनियां हैं जैसे:
सेंसेक्स की टॉप कंपनियां:
- रिलायंस इंडस्ट्रीज
- टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS)
- इंफोसिस
- एचडीएफसी बैंक
- आईसीआईसीआई बैंक
निफ्टी की टॉप कंपनियां:
- हिंदुस्तान यूनिलीवर
- भारती एयरटेल
- एचडीएफसी
- कोटक महिंद्रा बैंक
- एसबीआई
5. सेंसेक्स और निफ्टी क्यों जरूरी हैं?
- निवेशकों के लिए मार्गदर्शन: सेंसेक्स और निफ्टी यह बताते हैं कि बाजार में क्या हो रहा है।
- अर्थव्यवस्था की स्थिति: जब ये इंडेक्स बढ़ते हैं, तो इसका मतलब है कि देश की अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में है।
- बाजार की स्थिरता: ये इंडेक्स निवेशकों को यह तय करने में मदद करते हैं कि वे कब निवेश करें और कब अपने शेयर बेचें।
6. सेंसेक्स और निफ्टी में निवेश कैसे करें?
यदि आप इन इंडेक्स में निवेश करना चाहते हैं, तो आप इंडेक्स फंड्स या ETF (Exchange Traded Funds) में निवेश कर सकते हैं।
निवेश के तरीके:
- स्टॉक्स खरीदें – आप सीधे सेंसेक्स या निफ्टी की कंपनियों के शेयर खरीद सकते हैं।
- इंडेक्स फंड्स – ये म्यूचुअल फंड होते हैं जो सेंसेक्स या निफ्टी को ट्रैक करते हैं।
- ETF (एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स) – यह एक ऐसा फंड होता है जो स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड करता है और सेंसेक्स/निफ्टी को ट्रैक करता है।
निष्कर्ष
- सेंसेक्स (Sensex) BSE का इंडेक्स है, जिसमें टॉप 30 कंपनियां होती हैं।
- निफ्टी (Nifty) NSE का इंडेक्स है, जिसमें टॉप 50 कंपनियां होती हैं।
- ये दोनों इंडेक्स शेयर बाजार के प्रदर्शन को मापते हैं।
- सेंसेक्स और निफ्टी में निवेश करने के लिए इंडेक्स फंड्स और ETF अच्छे विकल्प हो सकते हैं।