विजयनगर साम्राज्य की स्थापना हरिहर और बुक्का ने 1336 ई. में की थी। इस पर चार प्रमुख राजवंशों ने शासन किया:
1️⃣ संगम वंश (1336-1485 ई.)
2️⃣ सालुव वंश (1485-1505 ई.)
3️⃣ तुलुव वंश (1505-1570 ई.)
4️⃣ अरविदु वंश (1570-1646 ई.)
🔹 1️⃣ संगम वंश (1336-1485 ई.)
✅ इस वंश के शासकों ने साम्राज्य को मजबूत किया और दिल्ली सल्तनत व बहमनी सल्तनत से संघर्ष किया।
शासक | शासनकाल | उपलब्धियाँ |
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हरिहर प्रथम | 1336-1356 ई. | विजयनगर साम्राज्य की स्थापना, मोहम्मद बिन तुगलक से संघर्ष |
बुक्का राय प्रथम | 1356-1377 ई. | बहमनी सल्तनत से युद्ध, साम्राज्य का विस्तार |
हरिहर द्वितीय | 1377-1404 ई. | प्रशासनिक सुधार, हिंदू संस्कृति को बढ़ावा |
विरुपाक्ष राय | 1404-1406 ई. | कमजोर शासक, आंतरिक विद्रोह |
देवराय प्रथम | 1406-1422 ई. | कावेरी नदी पर बाँध निर्माण, सेना का सशक्तिकरण |
रामचंद्र राय | 1422-1424 ई. | बहुत कम समय तक शासन किया |
देवराय द्वितीय | 1424-1446 ई. | विजयनगर का विस्तार, कला और संस्कृति का स्वर्ण युग |
मलिकार्जुन राय | 1446-1465 ई. | कमजोर शासक, बहमनी सल्तनत से हार |
वीरूपाक्ष द्वितीय | 1465-1485 ई. | संगम वंश का अंतिम शासक, सालुव नरसिंह द्वारा हटाया गया |
🔴 1485 में सालुव नरसिंह ने सत्ता हथिया ली, जिससे संगम वंश समाप्त हुआ।
🔹 2️⃣ सालुव वंश (1485-1505 ई.)
✅ इस वंश के शासकों ने प्रशासन को मजबूत करने का प्रयास किया लेकिन अधिक समय तक टिक नहीं पाए।
शासक | शासनकाल | उपलब्धियाँ |
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सालुव नरसिंह | 1485-1491 ई. | संगम वंश का अंत, विजयनगर की रक्षा |
इम्मादी नरसिंह | 1491-1505 ई. | कमजोर शासक, तुलुव वंश के सेनानायक नरसा नायक का प्रभाव बढ़ा |
🔴 1505 में तुलुव वंश के वीर नरसिंह ने सत्ता संभाली।
🔹 3️⃣ तुलुव वंश (1505-1570 ई.)
✅ इस वंश के शासकों ने साम्राज्य को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। कृष्णदेवराय इस वंश के सबसे महान शासक थे।
शासक | शासनकाल | उपलब्धियाँ |
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वीर नरसिंह | 1505-1509 ई. | तुलुव वंश की स्थापना, शासन को स्थिर किया |
कृष्णदेवराय | 1509-1529 ई. | विजयनगर का स्वर्ण युग, अमुक्तमाल्यद की रचना, रायचूर युद्ध में विजय |
अच्युतदेवराय | 1529-1542 ई. | बहमनी सल्तनत और गोलकुंडा से संघर्ष |
सदाशिव राय | 1542-1570 ई. | वास्तविक सत्ता रक्षकों के हाथ में, 1565 में तालीकोटा की लड़ाई |
🔴 1565 में तालीकोटा के युद्ध में बहमनी सल्तनत और दक्खनी सुल्तानों ने विजयनगर को बर्बाद कर दिया।
🔹 4️⃣ अरविदु वंश (1570-1646 ई.)
✅ इस वंश ने बचे-खुचे विजयनगर साम्राज्य को बचाने का प्रयास किया लेकिन अंततः इसे नष्ट कर दिया गया।
शासक | शासनकाल | उपलब्धियाँ |
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तिरुमल राय | 1570-1572 ई. | अरविदु वंश की स्थापना, राजधानी बदलकर चंद्रगिरी की |
वेंकटपति राय | 1586-1614 ई. | साम्राज्य को बनाए रखने का प्रयास, मुगलों और दक्खनी सल्तनतों से संघर्ष |
रामदेव राय | 1617-1632 ई. | कमजोर शासक, गोलकुंडा और बीजापुर से संघर्ष |
श्रीरंग तृतीय | 1642-1646 ई. | विजयनगर साम्राज्य का अंतिम शासक, हार के बाद विजयनगर का पतन |
🔴 1646 में विजयनगर साम्राज्य पूरी तरह समाप्त हो गया।
🔱 विजयनगर साम्राज्य के पतन के कारण
1️⃣ 1565 के तालीकोटा युद्ध में बहमनी सल्तनत और दक्खनी सुल्तानों से हार।
2️⃣ आंतरिक विद्रोह और कमजोर प्रशासन।
3️⃣ मुगल साम्राज्य और मराठों का उभरना।
4️⃣ आर्थिक गिरावट और व्यापार पर नियंत्रण की कमी।
📜 निष्कर्ष
✅ विजयनगर साम्राज्य 300 वर्षों तक दक्षिण भारत का सबसे शक्तिशाली राज्य रहा।
✅ कृष्णदेवराय (1509-1529 ई.) इसका सबसे महान शासक था।
✅ तालीकोटा युद्ध (1565) के बाद साम्राज्य कमजोर होता गया और 1646 में समाप्त हो गया।
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