परिचय
भारत की विदेश नीति (Foreign Policy) का मुख्य उद्देश्य देश की संप्रभुता, सुरक्षा, आर्थिक विकास और वैश्विक मंच पर प्रभाव बढ़ाना है। यह नीति पंचशील के सिद्धांतों और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व पर आधारित है।
भारत एक उभरती हुई वैश्विक शक्ति है और इसकी विदेश नीति बहुपक्षीय, संतुलित और रणनीतिक रही है। भारत का लक्ष्य है कि वह वैश्विक शांति, स्थिरता, विकास और सहयोग में सक्रिय भूमिका निभाए।
विदेश नीति के प्रमुख सिद्धांत
भारत की विदेश नीति के कुछ प्रमुख सिद्धांत निम्नलिखित हैं:
1. पंचशील के सिद्धांत (1954)
भारत और चीन ने 1954 में पंचशील समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसमें 5 महत्वपूर्ण सिद्धांत शामिल हैं:
- एक-दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान।
- आपसी अनाक्रमण (Non-aggression)।
- एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना।
- समानता और परस्पर लाभ।
- शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व।
2. गुटनिरपेक्षता नीति (Non-Aligned Movement – NAM)
- शीत युद्ध (Cold War) के दौरान भारत ने अमेरिका और सोवियत संघ के दो गुटों में से किसी का पक्ष नहीं लिया।
- भारत ने 1961 में यूगोस्लाविया, मिस्र और इंडोनेशिया के साथ मिलकर गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) की स्थापना की।
3. शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और वैश्विक शांति
- भारत संयुक्त राष्ट्र (UN) के शांति मिशनों (Peacekeeping Operations) में महत्वपूर्ण योगदान देता रहा है।
- परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने और निरस्त्रीकरण (Disarmament) के लिए भारत हमेशा प्रयासरत रहा है।
4. आत्मनिर्भरता और आर्थिक कूटनीति
- भारत व्यापार, निवेश और आर्थिक साझेदारी के माध्यम से अपनी विदेश नीति को मजबूत कर रहा है।
- “मेक इन इंडिया,” “आत्मनिर्भर भारत” और डिजिटल इंडिया जैसी नीतियों से भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है।
5. पड़ोसी पहले (Neighborhood First Policy)
- भारत अपने पड़ोसी देशों (नेपाल, भूटान, श्रीलंका, बांग्लादेश, पाकिस्तान, चीन, म्यांमार और अफगानिस्तान) के साथ संबंध सुधारने को प्राथमिकता देता है।
- क्षेत्रीय सहयोग संगठन जैसे सार्क (SAARC), बिम्सटेक (BIMSTEC) और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के माध्यम से भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है।
भारत के प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय संबंध
1. भारत-अमेरिका संबंध
- भारत और अमेरिका दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश हैं और दोनों देशों के संबंध रणनीतिक साझेदारी (Strategic Partnership) पर आधारित हैं।
- प्रमुख सहयोग क्षेत्र:
- रक्षा सहयोग – भारत और अमेरिका के बीच कई रक्षा समझौते हुए हैं, जैसे BECA, LEMOA और COMCASA।
- व्यापार एवं निवेश – अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
- तकनीकी सहयोग – नासा और इसरो के बीच अंतरिक्ष अनुसंधान में सहयोग।
2. भारत-रूस संबंध
- भारत और रूस के बीच पारंपरिक रूप से घनिष्ठ संबंध रहे हैं।
- प्रमुख सहयोग क्षेत्र:
- रक्षा – भारत अपने 70% रक्षा उपकरण रूस से खरीदता है।
- अंतरिक्ष एवं परमाणु ऊर्जा – कुडनकुलम परमाणु संयंत्र रूस की मदद से बनाया गया।
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग – संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में रूस भारत का समर्थन करता है।
3. भारत-चीन संबंध
- व्यापार एवं आर्थिक संबंध – चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदारों में से एक है।
- सीमा विवाद – भारत और चीन के बीच 1962 का युद्ध हुआ था, और अब भी लद्दाख तथा अरुणाचल प्रदेश में सीमा विवाद जारी है।
- रणनीतिक प्रतिस्पर्धा – चीन का ‘Belt and Road Initiative (BRI)’ भारत की ‘Act East Policy’ को चुनौती देता है।
4. भारत-पाकिस्तान संबंध
- मुख्य मुद्दे:
- 1947, 1965, 1971 और 1999 (कारगिल युद्ध) में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हो चुके हैं।
- पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।
- अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण के बाद से दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण हैं।
- सकारात्मक प्रयास:
- दोनों देशों के बीच व्यापार और कूटनीतिक संबंध बनाए रखने के प्रयास होते रहते हैं।
- करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण भारत और पाकिस्तान के बीच सहयोग का उदाहरण है।
5. भारत-यूरोपियन यूनियन (EU) संबंध
- भारत और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार और निवेश सहयोग मजबूत है।
- जलवायु परिवर्तन और नवीकरणीय ऊर्जा पर दोनों पक्ष मिलकर कार्य कर रहे हैं।
6. भारत-ऑस्ट्रेलिया और इंडो-पैसिफिक संबंध
- भारत ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के साथ मिलकर QUAD (Quadrilateral Security Dialogue) का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखना है।
भारत की विदेश नीति में हाल के बदलाव
1. एक्ट ईस्ट पॉलिसी
- 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘Look East Policy’ को ‘Act East Policy’ में बदला।
- भारत दक्षिण पूर्व एशियाई देशों जैसे इंडोनेशिया, वियतनाम, म्यांमार, थाईलैंड और सिंगापुर के साथ व्यापार और रक्षा संबंध मजबूत कर रहा है।
2. वसुधैव कुटुंबकम – G20 नेतृत्व
- भारत ने 2023 में G20 की अध्यक्षता की और “वसुधैव कुटुंबकम” (दुनिया एक परिवार है) का संदेश दिया।
3. वैश्विक आतंकवाद विरोधी नीति
- भारत ने संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद विरोधी सम्मेलन का नेतृत्व किया।
- पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक मंच पर भारत मुखर रहा है।
निष्कर्ष
भारत की विदेश नीति संतुलित, बहुपक्षीय और विकासोन्मुखी है। भारत अपनी आर्थिक, सैन्य और कूटनीतिक शक्ति का उपयोग कर वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
भारत की रणनीति “सर्वे भवंतु सुखिनः” (सभी सुखी हों) और “वसुधैव कुटुंबकम” (संपूर्ण विश्व एक परिवार है) पर आधारित है, जिससे यह शांति, सहयोग और विकास को बढ़ावा देता है।
भविष्य की रणनीति:
✔ वैश्विक नेतृत्व में भारत की भूमिका बढ़ेगी।
✔ तकनीकी, डिजिटल और अंतरिक्ष कूटनीति में भारत अग्रणी रहेगा।
✔ आर्थिक कूटनीति और व्यापारिक साझेदारी पर अधिक ध्यान दिया जाएगा।
➡ भारत की विदेश नीति का मुख्य उद्देश्य – “आत्मनिर्भर भारत” को वैश्विक शक्ति बनाना है। 🚀