भारतीय न्याय संहिता (BNS) भारत की नई आपराधिक संहिता है, जो भारतीय दंड संहिता (IPC) का स्थान लेगी। यह आधुनिक आपराधिक न्याय प्रणाली की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बनाई गई है।
महत्वपूर्ण धाराएँ और उनके उदाहरण:
- धारा 69: विवाह का झूठा वादा करके धोखाधड़ी करना
- विवरण: यह धारा उन व्यक्तियों को दंडित करती है जो विवाह का झूठा वादा करके किसी से शारीरिक संबंध बनाते हैं।
- उदाहरण: यदि कोई व्यक्ति किसी महिला से विवाह का झूठा वादा करके उससे शारीरिक संबंध स्थापित करता है, तो यह इस धारा के अंतर्गत अपराध होगा।
- धारा 351: संगठित अपराध
- विवरण: यह धारा संगठित अपराधों को परिभाषित करती है और उनके लिए दंड निर्धारित करती है।
- उदाहरण: यदि कोई गिरोह मिलकर अपहरण, हत्या या तस्करी जैसे अपराध करता है, तो यह संगठित अपराध माना जाएगा और इस धारा के तहत दंडनीय होगा।
- धारा 125: मॉब लिंचिंग
- विवरण: यह धारा भीड़ द्वारा की गई हिंसा, जिसे मॉब लिंचिंग कहा जाता है, को अपराध मानती है और इसके लिए कठोर दंड का प्रावधान करती है।
- उदाहरण: यदि कोई भीड़ किसी व्यक्ति को चोरी के शक में पीट-पीटकर मार देती है, तो यह इस धारा के तहत अपराध होगा।
- धारा 318: आतंकवाद
- विवरण: यह धारा आतंकवादी गतिविधियों को परिभाषित करती है और उनके लिए दंड निर्धारित करती है।
- उदाहरण: यदि कोई व्यक्ति बम विस्फोट या अन्य आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होता है, तो यह इस धारा के तहत दंडनीय होगा।
- धारा 126: साइबर अपराध
- विवरण: यह धारा साइबर अपराधों को परिभाषित करती है और उनके लिए दंड निर्धारित करती है।
- उदाहरण: यदि कोई व्यक्ति इंटरनेट के माध्यम से धोखाधड़ी करता है या किसी के व्यक्तिगत डेटा को चुराता है, तो यह इस धारा के तहत अपराध होगा।
- धारा 69: आत्महत्या का प्रयास
- विवरण: यह धारा आत्महत्या के प्रयास को अपराध मानती है, विशेषकर जब यह किसी सार्वजनिक कर्मचारी को उनके कर्तव्यों से रोकने के लिए किया जाता है।
- उदाहरण: यदि कोई व्यक्ति आत्मदाह करने की धमकी देकर एक सरकारी अधिकारी को उसके कर्तव्यों से रोकने का प्रयास करता है, तो यह इस धारा के तहत दंडनीय होगा।
नोट: यह जानकारी बीएनएस के प्रमुख धाराओं का संक्षिप्त परिचय है। विस्तृत और सटीक जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोतों या कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श करें।