इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज लॉन्च करने का मकसद भारत में गोल्ड की कीमतों में एक समानता लाना है। इसके साथ ही यह छोटे बुलियन डीलर्स और ज्वैलर्स के लिए ट्रेडिंग आसान बनाना है।ज्वैलर्स के लिए विदेशों से सोने का आयात करना आसान होने वाला है. पीएम नरेंद्र मोदी ने आज देश के पहले इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज ( India International Bullion Exchange) का उद्घाटन करेंगे जो डीलर्स, रिफाइनरीज और विदेशी बैंकों को आकर्षित करेगा.
लीगल टेंडर माना जाता है बुलियन
बुलियन का मतलब फिजिकल गोल्ड और सिल्वर है, जिसे लोग कॉइन, बार आदि के रूप में अपने पास रखते हैं. कई बार बुलियन को लीगल टेंडर माना जाता है. केंद्रीय बैंक (RBI) के रिजर्व में भी बुलियन शामिल होता है. इंस्टीट्यूशनल निवेशक भी इसे अपने पास रखते हैं.
क्या है इसकी खासियत
गांधीनगर का इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज कई तरह के प्रोडक्ट्स पोर्टफोलियो और टेक्नोलॉजी सर्विसेज ऑफर करता है. इस एक्सचेंज का खासियत ये है कि इसकी लागत दूसरे एक्सचेंजों और विदेश के एक्सचेंजों के मुकाबले काफी कम है. इस एक्सचेंज से देश में सोने के वित्तीयकरण को बढ़ाया मिलेगा.
कैसे काम करेगा ये एक्सचेंज?
IIBX के जरिए इंडिया में सोने-चांदी का आयात होगा. घरेलू खपत के लिए बुलियन का आयात भी इसी एक्सचेंज के जरिए होगा. इस एक्सचेंज के रूप में बाजार के सभी भागीदारों को बुलियन ट्रेडिंग के लिए एक कॉमन और पारदर्शी प्लेटफॉर्म मिल जाएगा. इससे सही मूल्य निर्धारण में मदद मिलेगी. साथ ही सोने की क्वालिटी की गारंटी भी होगी.
इस एक्सचेंज को शंघाई गोल्ड एक्सचेंज और बोर्सा इंस्तांबुल की तर्ज पर स्थापित किया जा रहा है जो भारत को बुलियन के क्षेत्रीय हब के रूप में मजबूत स्थिति प्रदान करेगा.
पीएम गांधीनगर के पास गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) में इस एक्सचेंज को लॉन्च करेंगे।